मैंने तो कई बार इस अखबार के बारें में सदन में भी प्रस्ताव दिया है,सिर्फ अधिक कमाई के लिए गलत तथ्यों को प्रस्तुत करते है
हाल ही में प्रभात खबर में आज २५ दिसंबर को छपी खबर “तीन करोड़ में दे दिया प्रेस रिलीज़ बनाने का काम” न सिर्फ असत्य बल्कि भ्रामक भी है