आज बरसों की एक परिकल्पना सच हुई I अपने पिता स्वर्गीय पुना महतो जिसने मेरे हाथों को पकड़ कर चलना सिखाया और बताया की जीवन सिर्फ़ अपने लिए नही दूसरो के लिए भी जीना होता हैं I इसी मुहिम को मन मे लिए बहुत दिनो के अथक प्रयास से आज हम इस मुकाम पर खड़े हैं जहा यह ...
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जल संकट प्रभातखबर 18.12.2015 Danik bhaskar 20.03.2016
बेटी होना गर्व की बात हैं
हम सब कहते हैं पर करना और समझना जरूरी हैं की बेटी होना गर्व की बात हैं I आजकल बेटियों के बारे में समाज में पाई जानेवाली नकारात्मक सोच,लड़कों के मुकाबले उनकी कम होती संख्या बालिका शिक्षा की कमजोर स्थिति बेटियों की जल्दी ब्याह देने की प्रवृति जैसी समस् ...